पता है पंकज इसे सुनते हुए आज हम यहाँ होकर भी नहीं थे... कान यहाँ थे कुछ सुन रहे थे, दिल कुछ महसूस कर रहा था पर रूह गाँव के उस पुराने बंजर से मकान में भटक रही थी... जाने कैसी कैसी आवाज़ें को बीच... वो मकान जहाँ हम सब साथ थे, मिट्टी से जुड़े हुए, प्यार में बंधे हुए... वो मकान जहाँ अब कोई नहीं है... वो मकान जो अब गिराया जा चुका है... कुछ पलों के लिये लगा वो सारे लम्हे "रिवाइंड" हो गये... वो सारी आवाज़ें फिर खनक उठीं... दौड़ते हुए उन सीढ़ियों पर चढ़े...उस आँगन में नन्हें क़दमों से आज फिर दौड़ आये... दादी की गोद में बैठ के अलाव भी तापा... उस छत से फिर उछल के चाँद छुआ और कुछ तारे तोड़ लाये... उस कुँए में छपाक से बाल्टी भी डाली और फिर डांट भी पड़ी :) उफ्फ्फ़... जाने कैसी कैसी आवाज़ें हैं यादों की...
13 comments:
very very very beautiful... aur aapki awaaz to kya kehne.... simply loved it :)
आवाज में एक खनक है।
Sundar,bahut sundar!
पता है पंकज इसे सुनते हुए आज हम यहाँ होकर भी नहीं थे... कान यहाँ थे कुछ सुन रहे थे, दिल कुछ महसूस कर रहा था पर रूह गाँव के उस पुराने बंजर से मकान में भटक रही थी... जाने कैसी कैसी आवाज़ें को बीच... वो मकान जहाँ हम सब साथ थे, मिट्टी से जुड़े हुए, प्यार में बंधे हुए... वो मकान जहाँ अब कोई नहीं है... वो मकान जो अब गिराया जा चुका है... कुछ पलों के लिये लगा वो सारे लम्हे "रिवाइंड" हो गये... वो सारी आवाज़ें फिर खनक उठीं... दौड़ते हुए उन सीढ़ियों पर चढ़े...उस आँगन में नन्हें क़दमों से आज फिर दौड़ आये... दादी की गोद में बैठ के अलाव भी तापा... उस छत से फिर उछल के चाँद छुआ और कुछ तारे तोड़ लाये... उस कुँए में छपाक से बाल्टी भी डाली और फिर डांट भी पड़ी :) उफ्फ्फ़... जाने कैसी कैसी आवाज़ें हैं यादों की...
अरे हाँ तुम्हें और प्रतीक जी को थैंक्स बोलना तो भूल ही गये... इस ख़ूबसूरत प्रेज़ेन्टेशन के लिये !!!
पर वीकेंड पे नोस्टैल्जिक कर दिया... ये अच्छी बात नहीं है ठाकुर (डॉ. साब का जुमला चुराया) :)
बहुत ही खूबसूरत ..आवाज़ और अंदाज़ भी ।
आवाज में खनक भी है, कशिश भी और अंदाज भी.उसपर बैक ग्राउंड मुजिक भी जबर्दस्त्त है.
खूबसूरत प्रस्तुति.
लेखन चीनी तो उसे आवाज़ देना चाशनी की मिठास दे गया.... अपनी देजा वू के लिए भी ऐसा सोचिए... आप दोनो को शुभकामनाएँ
बहुत सही !
beautiful voice and beautiful expression in writing
एक मकान ही तो था ...
गिरना ही था ... :(
like this...you made my day!
बहुत ही खूबसूरत
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