Friday, September 11, 2009

सोशल इनवेस्टमेन्ट!!

आपने इनवेस्टमेन्ट तो काफ़ी किये होगे, क्या कभी सोशल इनवेस्टमेन्ट किया है?  

रन्ग दे एक ऐसा ही प्रयास है…ये माइक्रोक्रेडिट के सिद्धान्त पर आधारित है जिसमे आप अपना धन जरूरतमन्द लोगो के बडे सपनो मे इनवेस्ट करते है जैसे किसी की चाय की दुकान, किसी का साडी का बिजनेस……(आपने मोहम्मद यूनुस की ग्रामीन बैन्क के बारे मे तो पढा ही होगा…)

आपकी दी हुई राशि से ये लोग अपने पैरो पर खडे होते है और आप अपनी राशि पर २% सालाना इन्ट्रेस्ट भी पाते है।

आप रन्ग दे की मदद से एक सोशल इनवेस्टर बन सकते है और social borrowers की मदद कर सकते है….अगर आप कोइ NGO है या ऐसे ज़रूरतमन्द लोगो को जानते है, तो आप रन्ग दे के पार्टनर भी बन सकते है…..

सबसे बडी बात, आप कम से कम ५०० रूपये का इनवेस्टमेन्ट कर सकते है और किस जरूरतमन्द की मदद करनी है, वो भी आप स्वय निर्णय ले सकते है…

2009-09-11_0351

 

 

 

 

 

 

मैने तो अपने आप को रजिस्टर कर लिया है, आप क्या सोचते है??

आभार (and hats off to): http://rangde.org/

Sunday, September 6, 2009

लेट्स स्माइल……

DSC00046आफ़िस से बाहर आता हू…….सर उठाकर खुले आसमान को जी भरकर देखता हू……बारिश की कुछ बूदे गालो पर गिरती है, कुछ आँखों पर और पलकें बन्द हो जाती है…फ़ार्मल्स के गीले होने की कोई चिन्ता नही है…आज मै खुश हूँ… बहुत दिनो के बाद…

 

 

रिक्शा वाला देखता है, मै पैदल ही चलता हूँ…… भीगता हूँ और महसूस करता हूँ कि मेरी आत्मा भीग रही है…वो जो कभी बाहर नही आती, आज उसे साफ़ करना है………

गोआ का एक द्र्श्य सामने आता है…अन्धेरी रात है, मै अपने दो दोस्तो के साथ बीच पर लेटा हूँ… सब खामोश है…सिर्फ़ एक आवाज़ है – लहरे आकर रेत को चूम रही है। हम तीनो आसमान को देख रहे है…और कोई भी उस सन्नाटे को तोडना नही चाह रहा है…

ये वही आसमान है…काफ़ी दिनो बाद नोटिस कर रहा हूँ…… बस दिन बदल गये थे, मै चाहकर भी खुश नही हो पा रहा था…आज फिर से वो कालेज वाला जोश महसूस कर रहा हूँ……. कुछ करके दिखाने वाला जोश……

कुछ खास नही हुआ है, बस मोबाइल का वाल-टेक्स्ट बदल गया है……… पहले ’स्माइल’ हुआ करता था, अभी ’लेट्स स्माइल’ है॥

यही दोस्त आज रात इन्डिया पहुच रहा है…सुबह एअरपोर्ट जाना है…..शायद इसीलिये खुश हूँ :) ………………

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Saturday, September 5, 2009

कि गूगल बोलता है….

जी हा, गूगल भी बोलता है॥ मेरे ज्यादा बोलने से अच्छा है कि आप ये तस्वीरे देखे -

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आप भी पूछिये और हमे भी बताईये कि आपने गूगल बाबा से क्या पूछा :)?

Tuesday, September 1, 2009

टाटा या बाटा!! कौन करेगा केस?

टाटा सन्स ने डोमेन मे अपने नाम(tata) का प्रयोग करने पर oktatabyebye.com पर केस कर दिया है। oktatabyebye.com ने लोगो से समर्थन की अपील की है।

किसी फ़ोरम मे कुछ लोग इस बारे मे बात कर रहे थे। एक भाईसाहब बोले की अगर डोमेन batatavada.com हो तो बाटा और टाटा दोनो केस कर देगे :) और एक जनाब ने तो टाटा यन्ग को भी नाम बदलने के लिये बोल दिया :)

वैसे आप किसकी तरफ़ है?