काफ़ी समय बाद लिख रहा हू। एक हफ़्ते के लिये हमारे पास नेट नही था इसलिये हम दीन दुनिया से दूर थे:)।
कुछ दिनो पहले हमारे एक मित्र के साथ एक बडा अज़ीब वाक्या हुआ जिसे हम सोचते है तो हँसी आती है लेकिन शायद उस बेचारे के लिये ये इतना बडा मज़ाक नही है।
पिछले शुक्रवार को हमारे मित्र अपनी शादी के लिये लडकी देखने गये, लडकी को बताया नही गया था कि उन्हे कोई देखने आ रहा है और ये परम्परा हमारे समाज़ मे काफ़ी कॉमन है। मित्र साहब घर मे बैठे हुए थे कि लडकी कही बाहर से घर मे दाखिल हुई, उनके पिताजी ने मित्र साहब का परिचय दिया और दोनो को इनफ़ोर्मली मिलाने की कोशिश की।
लडकी ने मित्र जी से नमस्ते किया और बोली “नमस्ते भैया॥” :) :) और ये परम्परा भी हमारे समाज़ मे काफ़ी कॉमन है।
हाहाहाहा …
हमारे मित्र जी बहुत परेशान चल रहे है और कोई विरह गीत उन्होने कालर ट्युन भी लगा लिया है।
अब आप ही उन्हे समझाये?? :)