जी हां, मैं आ चुका हूँ, आप सब लोगों को फिर से तकलीफ देने। काफ़ी दिनों तक मेरी रचनाओं ने आपकी फीड को बढाया नहीं होगा और आप खुश होंगे। वो मुझे पता है।
मैंने २ फरवरी को SCJP 1.6 (Sun Certified Java Programmer) ८६% के साथ पास किया और मेरा कुछ दिन तक न लिखना और अपने आप को थोड़ा समय देना काम आया। अगर आपको इस परीक्षा के विषय में कुछ जानना है तो इसे पढ़ें।
अभी कुछ ज्यादा मेरे पास लिखने को है नहीं। बस एक पुस्तक मेला लगा था, हमने भी तीन किताबें ले डालीं:
१- दा व्हाइट टाइगर - अरविन्द अदिगा
२- दा बुक ऑफ़ understanding ओशो
3- Head First JSP and Servlets
अब बस इन्हे पढ़ना शुरू करना है, वो हम भी नहीं जानते की कब करेंगे :)। अभी के लिए इतना ही है, आप चाहें तो अपने दिल पर पत्थर रखकर (क्यूंकि मैं वापस आ गया हूँ ), मुझे बधाई दे सकते हैं। :)
अलविदा, जल्दी ही कुछ अच्छे के साथ आता हूँ .
9 comments:
नम्बर एक ब्लॉग बनाने की दवा ईजाद देश,विदेशों में बच्ची धूम!!
http://yaadonkaaaina.blogspot.com/2009/02/blog-post_7934.html
bahut bahut bdhaai
भाई दिल पै पत्थर रख कै क्युं? हम तो दिल पै फ़ूल रखकै बधाई दे रे हैं.
रामराम.
बधाई जी आपको स्वागत है आपका
आप सब लोगों को धन्यवाद। आप लोग मेरा एक और घर बन चुके हैं :)
अच्छे मार्क्स की बधाई और वापस आने की शुभकामनाएं...उम्मीद है आप नियमित लिखेंगे अब.
बहुत बहुत बधाई....पुनर्वापसी का स्वागत है।
हालांकि ये वापसी पुरानी है, तब भी बधाई अब ले लो। और दूसरी बात ये कि बचकर बेचारा कोई जाए कहां? तुम छोड़ोगे क्या कपार खाना? ना, ना, ना।
बधाई! वापस भी लौटे थे कभी! वाह!
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