Friday, February 6, 2009

देर से आया लेकिन दुरुस्त आया .....

जी हां, मैं आ चुका हूँ, आप सब लोगों को फिर से तकलीफ देने। काफ़ी दिनों तक मेरी रचनाओं ने आपकी फीड को बढाया नहीं होगा और आप खुश होंगे। वो मुझे पता है।

मैंने २ फरवरी को SCJP 1.6 (Sun Certified Java Programmer) ८६% के साथ पास किया और मेरा कुछ दिन तक न लिखना और अपने आप को थोड़ा समय देना काम आया। अगर आपको इस परीक्षा के विषय में कुछ जानना है तो इसे पढ़ें

अभी कुछ ज्यादा मेरे पास लिखने को है नहीं। बस एक पुस्तक मेला लगा था, हमने भी तीन किताबें ले डालीं:

१- दा व्हाइट टाइगर  - अरविन्द अदिगा

२- दा बुक ऑफ़ understanding ओशो

3- Head First JSP and Servlets

अब बस इन्हे पढ़ना शुरू करना है, वो हम भी नहीं जानते की कब करेंगे :)। अभी के लिए इतना ही है, आप चाहें तो अपने दिल पर पत्थर रखकर (क्यूंकि मैं वापस आ गया हूँ ), मुझे बधाई दे सकते हैं। :)

अलविदा, जल्दी ही कुछ अच्छे के साथ आता हूँ .

9 comments:

News4Nation said...

नम्बर एक ब्लॉग बनाने की दवा ईजाद देश,विदेशों में बच्ची धूम!!

http://yaadonkaaaina.blogspot.com/2009/02/blog-post_7934.html

निर्मला कपिला said...

bahut bahut bdhaai

ताऊ रामपुरिया said...

भाई दिल पै पत्थर रख कै क्युं? हम तो दिल पै फ़ूल रखकै बधाई दे रे हैं.

रामराम.

रंजू भाटिया said...

बधाई जी आपको स्वागत है आपका

Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय) said...

आप सब लोगों को धन्यवाद। आप लोग मेरा एक और घर बन चुके हैं :)

Puja Upadhyay said...

अच्छे मार्क्स की बधाई और वापस आने की शुभकामनाएं...उम्मीद है आप नियमित लिखेंगे अब.

संगीता पुरी said...

बहुत बहुत बधाई....पुनर्वापसी का स्‍वागत है।

मनीषा पांडे said...

हालांकि ये वापसी पुरानी है, तब भी बधाई अब ले लो। और दूसरी बात ये कि बचकर बेचारा कोई जाए कहां? तुम छोड़ोगे क्‍या कपार खाना? ना, ना, ना।

अनूप शुक्ल said...

बधाई! वापस भी लौटे थे कभी! वाह!