Wednesday, July 29, 2009

हीरो…

ऐसे न जाने कितने लोग है, जो हमे कुछ सोन्चने के लिये बाध्य करते है.. कुछ करने के लिये। ऐसे ही एक है, आनन्द कुमार जी जो गरीबो को भी IITs के सपने दिखाते है और उन्हे पूरा करने मे अपना सब कुछ समरपित कर देते है।

कल उनके बारे मे The National  मे एक article पढा। ऐसे लोगो को पढ्कर ज़िन्दगी मे कुछ करने की इच्छा जागती है……

http://www.thenational.ae/apps/pbcs.dll/article?.AID=/20090725/FOREIGN/707249814/1001

हमारी मीडिया ऐसे लोगो को सामने क्यू नही लाती? यही लोग हमारे real assets है, हमे ऐसे लोग पैदा करने चाहिये, इन्हे आगे लाना चाहिये तभी शायद हम एक विकसित भारत के बारे मे सोच सकते है……

आनन्द जी, आपको मेरा शत शत नमन……

6 comments:

Gyan Dutt Pandey said...

हां, पढ़ा। और सोचने की प्रक्रिया चला देते हैं ये आनन्द कुमार जी।

@ngel ~ said...

Go Pankaj do something like this or atleast read such things so you would realise how capable you are and how can you make your life worth... You are chosen one like him only.
All the best Sir!

स्वप्न मञ्जूषा said...

पंकज,
आनंद कुमार जी के बारे में पढ़ कर बहुत ही ज्यादा ख़ुशी हुई लेकिन उससे भी ज्यादा प्रसन्नता हुई तुम्हारे आदर्शों और लक्ष्य के बारे में जानकार, जब तुम जैसे युवकों की बात सुनती हूँ तो मन में एक विश्वास जगमगता है, लगता है भारत का भविष्य उज्जवल है, अभी आशा जीवित है..... बस आपने इस सपने को पूरा करो...लग जाओ...ईश्वर तुम्हारे साथ है बडों का आर्शीवाद तो है ही.... दिल करता है कहूँ, जैसे कृष्ण ने अर्जुन से कहा था 'उठो पार्थ गाण्डीव उठाओ.....'
खुश रहो..
दी

Udan Tashtari said...

आनन्द जी को मेरा नमन.

प्रवीण त्रिवेदी said...

जानकार अच्छा लगा!!

प्राइमरी के मास्टर की दीपमालिका पर्व पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें!!!!

तुम स्नेह अपना दो न दो ,
मै दीप बन जलता रहूँगा !!


अंतिम किस्त-
कुतर्क का कोई स्थान नहीं है जी.....सिद्ध जो करना पड़ेगा?

अनूप शुक्ल said...

आनन्द कुमार जी के बारे में पता था। एक बार फ़िर पढ़कर अच्छा लगा।