ये फ़िल्म अर्नेस्टो गुवेरा की एक मोटरसाईकिल ट्रिप पर है जो बाद मे क्रान्तिकारी ची गुवेरा के नाम से जाने गये। अर्नेस्टो और उनके एक मित्र अलबर्टो ग्रेनाडो को एक कुष्ठ रोग के डाक्टर उनके पास रिसर्च के लिये बुलाते है। दोनो वहा जाने के लिये मोटरसाईकिल से घूमने की योजना बनाते है और पूरे साउथ अमेरिका को घूमते हुए वहा पहुचते है। अपनी इस यात्रा मे वो अर्जेन्टीना, चिली, पेरू, कोलम्बिया और वेनेजुएला से गुजरते है।
ये कहानी दो युवा लडको की कहानी है जो एडवेन्चर ढूढ रहे है और इस ट्रिप के जरिये उसे पाने की कोशिश करते है। लेकिन कुष्ठ रोगियो तक पहुन्चने से पहले उन्हे असल ज़ीवन और लोगो का अहसास हो चुका होता है। इस ट्रिप मे वो गरीबो के हालात देखते है, उन पर हो रहे अन्याय को महसूस करते है और अपने तरीको से उनकी मदद करने की कोशिश करते है……
फ़िल्म का समापन बहुत मर्म है जब ची अस्थ्मा के बावजूद भी सिर्फ़ अपना जन्मदिन कुष्ठ रोगियो के साथ मनाने के लिये एक नदी तैर कर पार करते है जिसने उस गाव को दो भागो मे बांटा हुआ होता है – एक कुष्ठ रोगीयो का और एक निरोगियो का। ची उस नदी को पार करके विभाजन को तोड्ने की कोशिश करते है।
ये यात्रा दोनो दोस्तो को ज़िन्दगी की सच्चाई दिखाती है और शायद एक डाक्टर अर्नेस्टो गुवेरा को क्रान्तिकारी ची गुवेरा बनाती है जो बाद मे विरोधियो के द्वारा मार दिये जाते है।
5 comments:
रोचक ..!!
अच्छी लग रही है ये फिल्म ।
मेरी बहुत पसंदीदा Filmo में से एक। कम से कम 20 बार तो देखी होगी जरूर।
डाउनलोड करने का झंझट भी नहीं है.. पास में ही पड़ी हुई है.. सिर्फ देखने भर कि देरी है.. :)
दुनिया में कित्ते लोग ऐसा कर पाते हैं!
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