tag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post325709883111022031..comments2023-10-24T13:30:59.724+05:30Comments on होकर भी नहीं होना..: लाईफ़ इन सेक्टर्स…Pankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)http://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-47132714482757310382010-12-23T17:16:30.094+05:302010-12-23T17:16:30.094+05:30ये शहरों की फितरत है कि वो नये चेहरों को परेशान ही...ये शहरों की फितरत है कि वो नये चेहरों को परेशान ही करते। हैरत और अजनबियत का अहसास जाने क्यों देने लगते हैं। मन में आने लगता है कि<br /><br />जिंदगी कैसे कटेगी क़ैफ<br />रात कटती नज़र नही आती<br /><br />मगर जैसा कि डॉ० साहब ने कहा थोड़े दिन में इन्ही में से कुछ चेहरे बड़े खूबसूरत, बड़े अपने से लगने लगते हैं और शहर भी...! फिर इतना अपना कि छोड़ के जाने के नाम से जी डरता है।<br /><br />शुभकामनाएं।कंचन सिंह चौहानhttps://www.blogger.com/profile/12391291933380719702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-61887037611513030972010-12-23T13:19:11.761+05:302010-12-23T13:19:11.761+05:30बेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाईबेहतरीन पोस्ट लेखन के बधाईDomain For Salehttp://www.bider.in/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-88120881557928159172010-12-22T08:39:11.747+05:302010-12-22T08:39:11.747+05:30खूब! बहुत खूब!खूब! बहुत खूब!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-42413897639506462082010-12-20T17:02:15.860+05:302010-12-20T17:02:15.860+05:30Main aapko blog ko jab bhi internet par aata hu to...Main aapko blog ko jab bhi internet par aata hu to jarur padhta hun.Samsung 3G Mobilehttp://www.readandbuy.com/3g-mobile-phone/samsung-3g-mobile-phonenoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-46463952899055517032010-12-19T00:16:24.445+05:302010-12-19T00:16:24.445+05:30jhansu hai jnab...lge rhiye,avi or intjar hai hme,...jhansu hai jnab...lge rhiye,avi or intjar hai hme,es se v acha padhne ka..Bhawna 'SATHI'https://www.blogger.com/profile/16798282833717422554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-20216664322344589822010-12-17T16:42:07.913+05:302010-12-17T16:42:07.913+05:30सुना है बड़ा अजीब शहर है वह। शराब की दुकाने हैं पर ...सुना है बड़ा अजीब शहर है वह। शराब की दुकाने हैं पर चलते चले जाओ, मिठाई जैसी कन्वेंशनल चीज की दुकान नहीं दीखती।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-82242142544927344712010-12-17T00:20:16.392+05:302010-12-17T00:20:16.392+05:30तो शहर की घड़कती नब्ज पर उंगलियाँ रखे हो..एक अजब शह...तो शहर की घड़कती नब्ज पर उंगलियाँ रखे हो..एक अजब शहर है..एक लम्बा सफ़र..किसी के सपनों की रोमानी ख्वाहिशों से किसी के सपनों की डरावनी हकीकत तक का..वैसे किसी शहर के पास जुबाँ नही होती..मगर भाषा होती है अपनी..शहर के पास आँखें नही होती..मगर ख्वाब होते हैं..यही शहर कभी अमीरी के मँहगे नशे मे इतना धुत्त हो जाता है कि गाड़ी फूटपाथ पर सोने वालों की गर्दन पर से निकाल देता है..तो यही शहर मुफ़लिसी के सस्ते नशे मे भी उतना ही शिद्दत से डूबता है कि उन्ही फूटपाथ पर लड़खड़ाते हुए रातें किसी नाली मे डुबो कर पड़ा रहता है..चुपचाप..शहर की खामोशी को सुनना..रात की वीरानगी भरी व्यस्तता मे..कुछ दास्तां मिलेगी..शायद शहर की कुछ अनकही दास्तानें शायद तुम्हारे लबों के इंतजार मे हों..<br />..सुबह चाय के ग्लास मे डुबो के खाना शहर को..इससे पहले कि शहर तुम्हे खा ले..<br />..वैसे उम्मीद है कि काफ़ी कुछ सैटल हो गया होगा..अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-5859920740323833772010-12-15T15:09:56.194+05:302010-12-15T15:09:56.194+05:30दिल्ली शहर है ये प्यारे..दिल्ली शहर है ये प्यारे..कुशhttps://www.blogger.com/profile/04654390193678034280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-74772626212482673752010-12-14T19:44:00.417+05:302010-12-14T19:44:00.417+05:30अभी सिर्फ एक हिस्से का चेहरा है .....दरअसल हर शहर ...अभी सिर्फ एक हिस्से का चेहरा है .....दरअसल हर शहर के कई चेहरे होते है....आहिस्ता आहिस्ता आप उनसे रूबरू होते है....जब जान पहचान बढती है तो कई सूरते प्यारी भी लगने लगती है उनका मिजाज़ भी.....फिलहाल जेकेट ओर सूट खरीदो.....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-30936608664253454312010-12-14T18:51:39.170+05:302010-12-14T18:51:39.170+05:30रोचक !रोचक !JAGDISH BALIhttps://www.blogger.com/profile/12672029642353990072noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-5230542309272478532010-12-14T18:51:34.551+05:302010-12-14T18:51:34.551+05:30This comment has been removed by the author.JAGDISH BALIhttps://www.blogger.com/profile/12672029642353990072noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-66736276715807760962010-12-14T18:43:41.302+05:302010-12-14T18:43:41.302+05:30हमने ते अभी तक यही सीखा...
दिल मिले ना मिले हाथ म...हमने ते अभी तक यही सीखा...<br /><br />दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते रहिए<br />यह नया शहर है कुछ दोस्त बनाए रहिएदेवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-19388871912327718672010-12-14T16:49:11.143+05:302010-12-14T16:49:11.143+05:30कोई हाथ भी न मिलायेगा जो गले मिलोगे तपाक से,
ये न...कोई हाथ भी न मिलायेगा जो गले मिलोगे तपाक से, <br />ये नये मिजाज का शहर है, जरा फ़ासले से मिला करो ..<br />ये मिजाज तयं कोंन करता है हम आप ही ना....बेहतर है हम कहीं भी खुद का शहर ले के चलें...शायद नए शहर में सिफत होने का ये दर्द है...anjule shyamhttps://www.blogger.com/profile/01568560988024144863noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-63611110802407540582010-12-14T16:48:58.164+05:302010-12-14T16:48:58.164+05:30This comment has been removed by the author.anjule shyamhttps://www.blogger.com/profile/01568560988024144863noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-76229220014447105792010-12-13T22:22:19.673+05:302010-12-13T22:22:19.673+05:30तो मान मनौती के बाद पधारे है आप.......जरा नारियल फ...तो मान मनौती के बाद पधारे है आप.......जरा नारियल फोड़ने दीजिये<br /><br /><br /><br /><br />हम भी दिल्ली का प्रसाद लेकर जा रहे हैं...खतरनाक प्रसाद है....दूर से माथा टिका ले तो चलेगा :-)प्रियाhttps://www.blogger.com/profile/04663779807108466146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-82213255889232995872010-12-13T22:01:52.219+05:302010-12-13T22:01:52.219+05:30आपकी यह ताज़ा पोस्ट मेरे लिए यह खुशखबर लायी है कि आ...आपकी यह ताज़ा पोस्ट मेरे लिए यह खुशखबर लायी है कि आप अब और नज़दीक हैं. संकल्प से मिलने दिल्ली आना है, खूब जमेगी जब मिल बैठेंगे तीन यार, आप मैं और....<br /><br /><br /> संकल्पManoj Khttps://www.blogger.com/profile/06707542140412834778noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-83090162802700159422010-12-13T18:39:53.363+05:302010-12-13T18:39:53.363+05:30दर्पण और सागर सब आपको delhi में welcome कर रहे है...दर्पण और सागर सब आपको delhi में welcome कर रहे है कि डरा रहे है ;)डिम्पल मल्होत्राhttps://www.blogger.com/profile/07224725278715403648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-77619268728592453082010-12-13T15:52:25.891+05:302010-12-13T15:52:25.891+05:30पंकज,
उस घुंघराले बालों वाले लड़के ने उसके दो दिन...पंकज,<br /><br />उस घुंघराले बालों वाले लड़के ने उसके दो दिन बाद ही अपने बाल कटवा लिये।<br />वो सुन्दर आँखों वाली लड़की आज भी बिना किसी बात के उससे लड़ती है और वो लड़का आज भी उसकी बेकारण नोक झोंक पर मुस्कुराता है...<br /><br />इस शहर की तो आदत है दोस्त...यहाँ नोर्थ ईस्ट की लड़कियों और मोमो दोनों को ही खा जाने वाली नज़रों से देखा जाता है। नज़र नहीं नज़रिया बदलने की ज़रुरत है...<br /><br />और हाँ... शराब और शबाब की इस नगरी में शक्ति प्रदर्शन सत्ता के गलियारों से लेकर सड़क पर खड़े हवलदारों तक सर चढ़ कर बोलता है..<br /><br />मैं और तुम सिर्फ़ आम आदमी हैं।<br /><br />वेलकम तो एन. सी. आर.!!!Sankalp...https://www.blogger.com/profile/17678344123885485809noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-31562417364871007902010-12-13T14:04:30.110+05:302010-12-13T14:04:30.110+05:30बड़ी कहावत थोड़ी जल्दी लिख गए ....कहावत कुछ यूँ है...बड़ी कहावत थोड़ी जल्दी लिख गए ....कहावत कुछ यूँ है "जितने पैर हैं, उससे ज्यादा पहिये हैं "<br /><br />नए आये हो बाबू, चौकन्ने तो रहोगे ही.... फिर आदत लग जाएगी... कल तक हम भी पटना से संसद के बारे में सोचते थे... आज वो सड़क से ज्यादा कुछ नहीं लगता.सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-31738458572089698302010-12-13T07:49:56.159+05:302010-12-13T07:49:56.159+05:30आज फिर खबर आई है... कुछ खबरें तो इतनी कॉमन हो गयी ...आज फिर खबर आई है... कुछ खबरें तो इतनी कॉमन हो गयी हैं कि बिन उनके हेडलाइन ही नहीं बन पाएगी. फ़्रोंट पेज में से तीन-चार टोपिक ऐसे हैं जिनपर एक खबर तो रोज आ ही जानी है.Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-54152796901674046102010-12-12T22:32:30.424+05:302010-12-12T22:32:30.424+05:30Welcome Aboard:
है अब इस म'अमूरे में, केहत-ए-ग...Welcome Aboard:<br />है अब इस म'अमूरे में, केहत-ए-ग़म-उल्फ़त, असद.<br />हम ने यह माना, कि दिल्ली में रहें, खायेंगे क्या?दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-81169306959466266662010-12-12T21:11:19.856+05:302010-12-12T21:11:19.856+05:30सुसरा बियर की बोतले फोड़ने के लिए भी बहुते इन्तेज़...सुसरा बियर की बोतले फोड़ने के लिए भी बहुते इन्तेज़ार करवाया.........<br /><br />इन्तेज़ार का फल मीठा है.... निराशा नहीं हुई....<br /><br />ज़ल्दी जल्दी आया कीजिए.<br /><br />जयरामजी कीदीपक बाबाhttps://www.blogger.com/profile/14225710037311600528noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-5571135677824086702010-12-12T21:06:53.805+05:302010-12-12T21:06:53.805+05:30एक रचना ढेर सारे बिम्ब ... हर टुकडा अपने में पूर...एक रचना ढेर सारे बिम्ब ... हर टुकडा अपने में पूरा और साथ जुड़ कर धमाल ...बहुत खूबsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-35530759636478844392010-12-12T20:01:23.483+05:302010-12-12T20:01:23.483+05:30हम्म क्यूँ कहते हैं..'देर आए दुरुस्त आए "...हम्म क्यूँ कहते हैं..'देर आए दुरुस्त आए " कहने का मन तो था....'देखा इतनी देर से आए तो भूल गए लिखना' पर कहावत सही है...:)<br /><br />जबरदस्त कोलाज़ है....लिखते रहो..अलग अंदाज़ में दिल्ली देखने को मिलेगी.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5611884776630699552.post-60942436496087581772010-12-12T13:05:56.003+05:302010-12-12T13:05:56.003+05:30क्या बात है ! एकदम दिल्लियाना पोस्ट है. वेलकम टू द...क्या बात है ! एकदम दिल्लियाना पोस्ट है. वेलकम टू दिल्ली एन ब्लॉगवर्ल्ड सर जी. एकदम चंगे लग रहे हो. <br />अभी पोस्ट के बारे में कुछ और नहीं लिखेंगे. अभी तो स्वाद लेने दो बस जी चोखी पोस्ट की :-)muktihttps://www.blogger.com/profile/17129445463729732724noreply@blogger.com